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लेखनी प्रतियोगिता -25-Sep-2023सूर घनाक्षरी

सूर घनाक्षरी
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गणेश जी की स्तुति

गणपति आओ आज,
सुनकर ये आवाज,
भाल सोहे स्वर्ण ताज,
कष्ट ये मिटाओ।

हाथ जोड़ द्वार खड़ी,
आन पड़ी दुख घड़ी,
बह रही अश्रु लड़ी,
धीर तो बँधाओ ।

आप गौरी माँ के पूत,
मिटा दो ये छुआछूत,
रिद्धि सिद्धि दान कर,
उर मेरे आओ।

एकदंत सुनो अर्ज,
पूरा करो ईश फर्ज,
साँस लगें जैसे कर्ज,
मुक्त कर जाओ।

प्रीति चौधरी"मनोरमा"
जनपद बुलंदशहर
उत्तरप्रदेश
मौलिक एवं अप्रकाशित।

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3 Comments

खूबसूरत भाव

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Reena yadav

25-Sep-2023 08:21 PM

👍👍

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जी अति उत्तम।

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